मूवी या एलबम का नाम : तारे ज़मीन पर (2007) संगीतकार का नाम – शंकर-एहसान-लॉय हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – प्रसून जोशी गाने के गायक का नाम – विशाल ददलानी कस के जूता, कस के बेल्ट खोंस के अंदर अपनी शर्ट मंज़िल को चली सवारी कंधों पे ज़िम्मेदारी हाथ में फाइल, मन में दम मीलों मील चलेंगे हम हर मुश्किल से टकराएँगे टस से मस ना होंगे हम दुनिया का नारा, जमे रहो मंज़िल का इशारा, जमे रहो दुनिया का नारा, जमे रहो मंज़िल का इशारा, जमे रहो ये सोते भी हैं अटेंशन आगे रहने की है टेंशन मेहनत इनको प्यारी है एकदम आज्ञाकारी हैं ये ऑमलेट पर ही जीते हैं ये टॉनिक सारे पीते हैं वक्त पे सोते, वक्त पे खाते तान के सीना बढ़ते जाते दुनिया का नारा, जमे रहो… यहाँ अलग अंदाज़ है जैसे छिड़ता कोई साज़ है हर काम को टाला करते हैं ये सपने पाला करते हैं ये हरदम सोचा करते हैं ये खुद से पूछा करते हैं क्यूँ दुनिया का नारा, जमे रहो क्यूँ मंज़िल का इशारा, जमे रहो क्यूँ दुनिया का नारा, जमे रहो क्यूँ मंज़िल का इशारा, जमे रहो ये वक्त के कभी गुलाम नहीं इन्हें किसी बात का ध्यान नहीं तितली से मिलने जाते हैं ये पेड़ों से बतियाते हैं ये हवा बटोरा करते हैं बारिश की बूँदें पढ़ते हैं और आसमान के कैनवस पे ये कलाकारियाँ करते हैं क्यूँ दुनिया का नारा, जमे रहो…
जमे रहो हिंदी लिरिक्स – Jame Raho Hindi Lyrics (Vishal Dadlani, Taare Zameen Par)
February 28, 2020