मूवी या एलबम का नाम : सलाम-ए-इश्क़ (2007)
संगीतकार का नाम – शंकर-एहसान-लॉय
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – समीर
गाने के गायक का नाम – अदनान सामी
सिली सिली तपती रातों में
जलता हूँ मैं बरसातों में
डूबा-डूबा हर पल यादों में
दिल क्या करे
अपने में ही खोया रहता हूँ
कहना है कुछ-कुछ कहता हूँ
पेन अजब सा सहता हूँ
दिल क्या करे
वो हो, आँखों आँखों में
वो हो, बातों बातों में
वो हो, ले गया कोई
वो हो, दे गया कोई
सलाम-ए-इश्क़ इश्क़ इश्क़
सलाम-ए-इश्क़
दिन भर कुछ मिस करता हूँ
जाने कैसे ख्वाहिश करता हूँ
भीड़ में तन्हा रहता हूँ
दिल क्या करे
हो भूल गया दिन साल महीना
जैनवरी में भी आए पसीना
आता है आराम कहीं ना
दिल क्या करे…
हो मैं जो बैठूँ तो बैठा रहूँ
देर तक
हो चल पड़ूँ तो मैं चलता रहूँ
दूर तक
वो हो, छाई बेकरारी उड गये तोते
हँस देता हूँ रोते-रोते
मेमोरी में कोई जागते सोते
दिल क्या करे…
हो रास्ते भूल जाता हूँ मैं
क्यूँ भला
हो बेवजह गुनगुनाता हूँ मैं
क्यूँ भला
निकलूँ मैं फटी जीन्स पहन के
शर्ट के ना होश बटन के
बजते हैं सब सुर धड़कन के
दिल क्या करे…