मूवी या एलबम का नाम : शगुन (1964) संगीतकार का नाम – ख़य्याम हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – साहिर लुधियानवी गाने के गायक का नाम – मोहम्मद रफ़ी, सुमन कल्याणपुर परबतों के पेड़ों पर शाम का बसेरा है सुरमई उजाला है, चम्पई अँधेरा है सुरमई उजाला है दोनों वक़्त मिलते हैं, दो दिलों की सूरत से आसमाँ ने खुश हो कर रंग-सा बिखेरा है आसमाँ ने खुश हो कर ठहरे-ठहरे पानी में गीत सरसराते हैं भीगे-भीगे झोंकों में ख़ुश्बुओं का डेरा है परबतों के पेड़ों पर क्यूँ न जज़्ब हो जाए इस हसीं नज़ारे में रोशनी का झुरमट है, मस्तियों का घेरा है परबतों के पेड़ों पर अब किसी नज़ारे की दिल को आरज़ू क्यूँ हो जबसे पा लिया तुमको, सब जहान मेरा है परबतों के पेड़ों पर
परबतों के पेड़ों हिंदी लिरिक्स – Parbaton Ke Pedon Hindi Lyrics (Md.Rafi, Suman Kalyanpur, Shagoon)
December 12, 2019