मूवी या एलबम का नाम : आजा नचले (2007)
संगीतकार का नाम – सलीम-सुलेमान
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – पीयूष मिश्रा
गाने के गायक का नाम – सुखविंदर सिंह, माधुरी दीक्षित, सुनिधि चौहान
पतंग संग उड़ गया बचपन
झनक झनक मन डगर सुहानी रे
लड़कपन आया अब तो कसक मसक
ये क्या मस्तानी रे
अरे क्या हाय जवानी की होती है
यही निशानी रे
के चितवन तिरछी तिरछी हुई जाए
हाँ आई जवानी रे
होय जवानी आई
साथ में लाई
पवन के संग संग
हर अंग चले हिचकोले ले के
गगन के रंग से
उड़े है तक़रीर
लगी अमराई
चली पुरवाई
मैं हूँ तेरा रोमियो
तू मेरी है वही जूलियट
अरे मैं राँझा तेरा
तू मेरी है हीर
सोणिये मिल जा मेले में, के इसका नाम जवानी
कि जो ना मैं हूँ तेरे संग, तो फिर किस काम जवानी
अरे वो नहीं जानते, आती है किस काम जवानी
तभी तो होती है हर बार, ये बदनाम जवानी
सोणिये मिल जा मेले में, के इसका नाम जवानी
अरे कि आजा मेरी जान
कि ना मैं मुसलमान ना हिंदू जैसी कोई बात हूँ
अरे मैं प्रेम खज़ाने का हूँ पहरेदार
अरे ओ ख़बरदार आशिक की ज़ात हूँ
हे बनारस के इक्के में
हो गंगा तीर चलेंगे
बर्फ़ की धूप सूँघने
अरे कश्मीर चलेंगे
अरे कैसे भी हों हालात
के तुझको घुमा लाऊँ बगदाद
ये मेरा वादा जानम
अरे ये चुनरी बीकानेर
कि सुरमा झुमका मेंहदी ढेर
ये मेरा वादा जानम
सोणिये मिल जा मेले में…
अरे खुर्जा की खुरचन
अरे मथुरा के पेड़े
रेवड़ी मेरठ वाली
चाट दरीबाँ की लाएगा
अरे मैं हुकुम करूँ
तो दूर अरब से पूरा बाग खजूर
लादके आँगन में भरपूर
तू मेरे लगवाएगा
अरे लगवाऊँगा, लगवाऊँगा, लगवाऊँगा
तो फिर तू मिल जा मेले में, के इसका नाम जवानी
नहीं ये छोटा मसला, बहुत बड़ा है कांड जवानी
अरे ये सरपट-सरपट, दौड़ी मेरी जान जवानी
अरे ये घर की मुर्गी नहीं, ये छुट्टा साँड जवानी
सोणिये मिल जा मेले में…