दोस्त ग़मख़्वारी में हिंदी लिरिक्स – Dost Ghamkhwaari Mein Hindi Lyrics (Jagjit Singh, Mirza Ghalib)

मूवी या एलबम का नाम : मिर्ज़ा ग़ालिब (टी वी सीरियल) (1988) संगीतकार का नाम – जगजीत सिंह हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – मिर्ज़ा ग़ालिब गाने के गायक का नाम – जगजीत सिंह दोस्त ग़मख़्वारी में मेरी सई फ़र्मावेंगे क्या ज़ख़्म के भरने तलक नाख़ून न बढ़ जावेंगे क्या हज़रत-ए-नासेह गर आयें दीदा-ओ-दिल, फ़र्श-ए-राह कोई मुझको ये तो समझा दो कि समझावेंगे क्या गर किया नासेह ने हमको क़ैद, अच्छा, यों सही ये जुनून-ए-इश्क़ के अन्दाज़ छुट जावेंगे क्या ख़ानाज़ाद-ए-ज़ुल्फ़ हैं ज़न्जीर से भागेंगे क्यों हैं गिरफ़्तार-ए-वफ़ा, ज़िन्दाँ से घबरावेंगे क्या है अब इस मा’मूरे में क़हत-ए-ग़म-ए-उल्फ़त ‘असद’ हमने ये माना कि दिल्ली में रहे, खावेंगे क्या

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