मूवी या एलबम का नाम : मिर्ज़ा ग़ालिब (टी वी सीरियल) (1988) संगीतकार का नाम – जगजीत सिंह हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – मिर्ज़ा ग़ालिब गाने के गायक का नाम – जगजीत सिंह ज़ुल्मत-कदे में मेरे, शब-ए-ग़म का जोश है इक शम’आ है दलील-ए-सहर, सो ख़मोश है ने मुज़्दा-ए-विसाल ना नज़्ज़ारा-ए-जमाल मुद्दत हुई कि आश्ती-ए-चश्म-ओ-गोश है दाग़-ए-फ़िराक़-ए-सोहबत-ए-शब की जली हुई इक शम’आ रह गई है, सो वो भी खामोश है ज़ुल्मत-कदे में मेरे… आते हैं ग़ैब से, ये मज़ामीं ख़याल में ग़ालिब, सरीर-ए-ख़ामा नवा-ए-सरोश है ज़ुल्मत-कदे में मेरे…
ज़ुल्मत कदे में मेरे हिंदी लिरिक्स – Zulmat Kade Mein Mere Hindi Lyrics (Jagjit Singh, Mirza Ghalib)
August 26, 2019