मूवी या एलबम का नाम : कलंक (2019)
संगीतकार का नाम – प्रीतम चक्रबर्ती
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – अमिताभ भट्टाचार्य
गाने के गायक का नाम – श्रेया घोषाल
रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन ना जाई
(जय रघुवंशी अयोध्यापति
राम चन्द्र की जय
सियावर राम चन्द्र की, जय
जय रघुवंशी अयोध्यापति
राम चन्द्र की जय
सियावर राम चन्द्र की, जय)
रघुवर तेरी राह निहारें
रघुवर तेरी राह निहारें
सातों जनम से सिया
घर मोरे परदेसिया
आओ पधारो पिया
घर मोरे परदेसिया
आओ पधारो पिया
मैंने सुध-बुध चैन गँवा के
मैंने सुध-बुध चैन गँवा के
राम रतन पा लिया
घर मोरे परदेसिया…
ना तो मैया की लोरी
ना ही फागुन की होरी
मोहे कुछ दूसरा ना भाये रे
जब से नैना ये जा के
इक धनुर्धर से लागे
तबसे बिरहा मोहे सताए रे
हाँ, ना तो मैया की लोरी…
दुविधा मेरी सब जग जाने
दुविधा मेरी सब जग जाने
जाने ना निरमोहिया
घर मोरे परदेसिया…
हाँ गई पनघट पर भरण-भरण पनिया दीवानी
गई पनघट पर भरण भरण पनिया
गई पनघट पर भरण भरण पनिया दीवानी
गई पनघट पर भरण भरण पनिया
हो नैनों के, नैनों के तेरे बाण से
मूर्छित हुई रे हिरनिया
झूम झ ना ना ना ना
झना ना ना ना ना
बनी रे बनी मैं तेरी जोगनिया
घर मोरे परदेसिया…