मूवी या एलबम का नाम : गुनाहों का देवता (1967)
संगीतकार का नाम – शंकर-जयकिशन
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – हसरत जयपुरी
गाने के गायक का नाम – लता मंगेशकर
मेरी तक़दीर कहाँ पर मुझे ले आई है
सारी दुनिया मेरी उल्फ़त की तमाशाई है
इसलिए लाज का पर्दा है मेरे चेहरे पर
खुल गया राज़ तो इसमें तेरी रुसवाई है
राम करे कहीं नैना न उलझें
नैना जो उलझें तो मुश्किल से सुलझे
राम करे कहीं नैना…
आए न जिस दिन घर साँवरिया
पागल बनकर ढूँढे नजरिया
मोरी काया ऐसे तड़पे
जैसे तड़पे जल बिन मछरिया
राम करे कहीं नैना…
जिसके कारण सब कुछ छोड़ा
उसने मेरे दिल को तोड़ा
हर तूफ़ाँ में साथ रहा वो
आ के किनारे मुखड़ा मोड़ा
राम करे कहीं नैना…
जिसपर बीते वो दिल जाने
मेरी वफ़ा के ये अफ़साने
जान जो मुझपर देते रहे हैं
आज बने हैं वो बेगाने
राम करे कहीं नैना…