मूवी या एलबम का नाम : बाज़ार (2018)
संगीतकार का नाम – सोहेल सेन
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – जमील अहमद
गाने के गायक का नाम – राहत फ़तेह अली खान, प्रतिभा बघेल
सारी दुनिया की नेमत मुझको मिल गई है
मैंने मांगी जो मन्नत मुझको मिल गयी है
ओ, सारी दुनिया की नेमत…
फासले दरमियाँ से फ़ना हो गए
मेरे ख्वाबों की जन्नत मुझको मिल गयी है
तेरे बिना मैं अधूरा लफ्ज़ हूँ
पढ़ ले मुझे मैं तेरा इश्क हूँ
तेरे बिना मैं…
सजणा, सजणा, सजणा
हो, कहता है दिल ये तुझपे कर लूँ सजदा रे
लगता है चेहरा तेरा जैसे रब का रे
जिस्म-ओ-जाँ दे दूँ तुझको ऐसे अपना रे
देता है जैसे कोई जान का सदका रे
देखो बाहों में आ के
सारी दुनिया भुला के
कहता है लम्हा प्यार का
तेरे बिना मैं…
तू करे अगर इशारा
छोड़ दूँ मैं जहां को
काश बिन कहे तू समझे
मेरे दर्द की ज़ुबाँ को
हो, तू करे अगर इशारा…
हो, चाहत का तू दरिया
जीने का तू ज़रिया
चाहूँ सदा मैं साथ तेरा
तेरे बिना मैं…