मूवी या एलबम का नाम : लव सेक्स और धोखा (2010)
संगीतकार का नाम – स्नेहा खानवलकर
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – दिबाकर बैनर्जी
गाने के गायक का नाम – कैलाश खेर
तू गन्दी अच्छी लगती है
तू बंदी अच्छी लगती है
तू कली सी कच्ची
तू तली सी मच्छी लगती है…
मैं सात जनम उपवासा हूँ
और सात समंदर प्यासा हूँ
जी भर के तुझको पी लूँगा
तू गन्दी अच्छी लगती है…
मैं ना जानूँ क्या शर्म हया
तुझे जान के मैं सब भूल गया
जो कहते हैं ये कुफ़र खता
आखिर क्या है मुझको क्या पता
तू गन्दी अच्छी लगती है…
सच सच मैं बोलने वाला हूँ
मैं मन का बेहद काला हूँ
तेरे रंग में मन रंग लूँगा
तू रंगी अच्छी लगती है
तू सच्ची अच्छी लगती है
तू अच्छी अच्छी लगती है
तू झूठी, तू रूठी लगती है
तू गन्दी…