मूवी या एलबम का नाम : मंज़िल मंज़िल (1984) संगीतकार का नाम – आर.डी.बर्मन हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – मजरूह सुल्तानपुरी गाने के गायक का नाम – शैलेंद्र सिंह झलक दिखा के कर गई दीवाना मगर थी कौन, यही नहीं जाना झलक दिखा के… शोला था बिजली थी या कोई टूटा तारा थी वो जो भी थी मेरे ही प्यार का नज़ारा थी वो यहीं थी वो तस्वीरें जाना ना मगर थी कौन, यही नहीं जाना झलक दिखा के… कुछ भी हो मेरे दिल फिर भी उसको पाना तो है गुलशन से सेहरा से ढूँढकर उसे लाना तो है वो ही नहीं तो दुनिया वीराना मगर थी कौन, यही नहीं जाना झलक दिखा के…
झलक दिखा के कर गई हिंदी लिरिक्स – Jhalak Dikha Ke Kar Gayi Hindi lyrics (Shailendra Singh, Manzil Manzil)
September 5, 2018