मूवी या एलबम का नाम : अमर ज्योति (1984)
संगीतकार का नाम – जयदेव
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – नक्श ल्यालपुरी
गाने के गायक का नाम – आशा भोंसले
जनम जनम का है ये नाता, तेरा मेरा साजना
साथ कभी न छूटे, प्यार कभी न टूटे बालमा
जनम जनम का है…
बन के शर्मीली दुल्हनें, सज-धज के बहारें आएँगी
मीठी-मीठी सी ख़ुशबू से, मन की बगिया महकाएँगी
बस गीत यही दोहराएँगी, अमर रहेगा प्यार अपना
जनम जनम का है…
मैं सरिता तू सागर है, मैं बदरी तू सावन है
मैं छबि हूँ सुंदर सपनों की, तू आशाओं का दर्पण है
तू माझी मैं नैया तेरी, ये प्यार बना पतवार अपना
जनम जनम का है…
है प्रीत मधुर सी रागिनी, जीवन बीना के तार की
जो देखी तेरे नैनों में, है अमर वो ज्योति प्यार की
इस पार कभी उस पार कभी, हुआ मिलन सौ बार अपना
जनम जनम का है…