Wednesday, March 22nd, 2023

हर घड़ी ढल रही हिंदी लिरिक्स – Har Ghadi Dhal Rahi Hindi lyrics (Amit Kumar, Saaransh)

मूवी या एलबम का नाम : सारांश (1984)
संगीतकार का नाम – अजीत वर्मन
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – वसन्त देव
गाने के गायक का नाम – अमित कुमार

हर घड़ी ढल रही, शाम है ज़िंदगी
दर्द का दूसरा, नाम है ज़िंदगी
हर घड़ी ढल रही…

आसमाँ है वही, और वही है ज़मीं
है मकाम गैर का, गैर है या हमीं
अजनबी आँख सी आज है ज़िन्दगी
दर्द का दूसरा…

क्यों खड़े राह में, राह भी सो गई
अपनी तो छाँव भी अपने से खो गई
भटके हुए पंछी की रात है ज़िन्दगी
दर्द का दूसरा…