मूवी या एलबम का नाम : अशोका (2001)
संगीतकार का नाम – अनु मलिक
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – गुलज़ार
गाने के गायक का नाम – अल्का याग्निक, शान
झूम चमेली झूम चमेली
झांझर वाली झूम झूम
घूम चमेली घूम चमेली
झांझर वाली घूम घूम
ओ रे काँची, काँच की गुड़िया
होंठों में बांधे प्रेम की पुड़िया
ना उसे खोले, ना मुँह से बोले
पलकों पे रख के, आँखों से तोले
ओ रे काँची…
सुनियो सुनियो, मिसरी से मीठी
आँखों में बंद है बात रसीली
ना उसे खोले…
पहाड़ी पार चलना है तो पर्वत हटा दूँ
घटाओं में कहीं छुपना है तो सावन बुला दूँ
महुआ महुआ महका महका
महका महका महुआ महुआ
कोई उड़ता हुआ पंछी बता देगा ठिकाना
जहाँ से दिन निकलता है उसी किले पे आना
महुआ महुआ महका महका
महका महका महुआ महुआ
ओ रे कांची…
तेरा कोई परिचय हो तो ऐ सुंदरी बता दे
बड़ी मीठी तेरी मुस्कान है मुंदरी बना दे
महुआ महुआ महका महका
महका महका महुआ महुआ
है परदेसी मुझे भूल जायेगा कहीं पे
दे वचन मैं पहन लूँ इसे गहना समझ के
महुआ महुआ महका महका
महका महका महुआ महुआ
ओ रे कांची…