मूवी या एलबम का नाम : अर्पण (1983)
संगीतकार का नाम – लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – आनंद बक्षी
गाने के गायक का नाम – अनवर हुसैन
मोहब्बत अब तिजारत बन गई है
तिजारत अब मोहब्बत बन गई है
मोहब्बत अब तिजारत…
किसी से खेलना फिर छोड़ देना
खिलौनों की तरह दिल तोड़ देना
हसीनों की ये आदत बन गई है
मोहब्बत अब तिजारत…
कभी था नाम इसका बेवफ़ाई
मगर अब आजकल ये बेहयाई
शरीफ़ों की शराफ़त बन गई है
मोहब्बत अब तिजारत…
किसी मंदिर की मूरत थी कभी ये
बड़ी ही खूबसूरत थी कभी ये
मगर क्या इसकी सूरत बन गई है
मोहब्बत अब तिजारत…