मूवी या एलबम का नाम : दाग (1973) संगीतकार का नाम – लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – साहिर लुधियानवी गाने के गायक का नाम – लता मंगेशकर जब भी जी चाहे, नई दुनिया बसा लेते हैं लोग एक चेहरे पे कई चेहरे, लगा लेते हैं लोग जब भी जी चाहे… याद रहता है किसे गुज़रे ज़माने का चलन सर्द पड़ जाती है चाहत, हार जाती है लगन अब मुहब्बत भी है क्या, इक तिजारत के सिवा हम ही नादाँ थे जो ओढ़ा बीती यादों का कफ़न वर्ना जीने के लिए सब कुछ भुला लेते हैं लोग एक चेहरे पे कई… जाने वो क्या लोग थे, जिनको वफ़ा का पास था दूसरे के दिल पे क्या गुज़रेगी ये एहसास था अब हैं पत्थर के सनम, जिनको एहसास ना ग़म वो ज़माना अब कहाँ, जो अहल-ए-दिल को रास था अब तो मतलब के लिए नाम-ए-वफ़ा लेते हैं लोग जब भी जी चाहे…
जब भी जी चाहे हिंदी लिरिक्स – Jab Bhi Jee Chahe Hindi Lyrics (Lata Mangeshkar, Daag)
June 18, 2018