मूवी या एलबम का नाम : सितारों से आगे (1958) संगीतकार का नाम – सचिन देव बर्मन हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – मजरूह सुल्तानपुरी गाने के गायक का नाम – मोहम्मद रफ़ी ज़रा रुक जा, प्यारे रुक जा आस लगाये बैठे हैं, राहों में कब से हम ओ ज़रा रुक जा, प्यारे रुक जा बुरा होता है, राहों में मचलना अजी अच्छा है, रुक रुक चलना सुन प्यारे इतराये काहे ओ यारों से कतराए काहे आस लगाये बैठे हैं, राहों में कब से हम ओ ज़रा रुक जा… आजा कब से पुकारे तुझे बंदा तेरे दम से चले है मेरा धंधा आजा तेरी सर्विस करें ओ फिर किस्मत की थैली भरें आस लगाये बैठे हैं, राहों में कब से हम ओ ज़रा रुक जा… इन हाथों का जादू जो दिखा दूँ तुझे घर तक अभी मैं पहुँचा दूँ बिगड़ी हो तो, बना दे आजा हो रूकती हो तो, चला दे आजा आस लगाये बैठे हैं, राहों में कब से हम ओ ज़रा रुक जा…
ज़रा रुक जा प्यारे हिंदी लिरिक्स – Zara Ruk Ja Pyaare Hindi Lyrics (Md.Rafi, Sitaron Se Aage)
May 1, 2018