मूवी या एलबम का नाम : लंदन पेरिस न्यू यॉर्क (2012) संगीतकार का नाम – अली ज़फ़र हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – अली ज़फ़र गाने के गायक का नाम – अली ज़फ़र वो देखने में कितनी सीधी सादी लगती है बोलती कि वो तो कुछ नहीं समझती अंदर से कितनी तेज़ है कभी अजीब सी कभी हसीन लगती कभी किसी किताब का ही सीन लगती फिलोसॉफी का क्रेज़ है हो कहती है ये एक फेज़ है वो देखने में… ये कहाँ मैं आ गया, बोलो कैसे ये दयार है दिल किसी का हो गया ना इसपे इख़्तियार है करूँ तो क्या करूँ, कहूँ तो क्या कहूँ ये गाना भी तो उसको पास लाने का बहाना है वो चुपके-चुपके मेरे दिल के राज़ खोलती अटक के तकिये में मेरे ख़्वाब भी टटोलती पोसेज़िवनेस का केस है जाने जाँ जानेमन तो हर गाने में आता है परवाना रोमियो हर लड़का ही बन जाता है लिखूँ तो क्या लिखूँ, बनूँ तो क्या बनूँ ये फिल्मों में लड़का ही क्यूँ लड़की को फँसाता है मैं चाहूँ भी तो मैं अजीब कर जाता हूँ वो आए सामने तो मैं सुधर जाता हूँ लड़की इक फुल ऑन चेज़ है…
वो देखने में हिंदी लिरिक्स – Voh Dekhnay Mein Hindi Lyrics (Ali Zafar, London Paris New York)
March 26, 2018