उमड़ घुमड़ कर हिंदी लिरिक्स – Umad Ghumad Kar Hindi Lyrics (Lata Mangeshkar, Manna Dey, Do Aankhen Barah Haath)

मूवी या एलबम का नाम : दो आँखे बारह हाथ (1957) संगीतकार का नाम – वसंत देसाई हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – भरत व्यास गाने के गायक का नाम – लता मंगेशकर, मन्ना डे हो उमड़ घुमड़ कर आयी रे घटा कारे-कारे बदरा की छायी छायी रे छटा सनन सनन पवन का लगा रे तीर बादल को चीर निकला रे नीर, निकला रे नीर झर झर झर झर अब धार झरे हो धरती जल से माँग भरे हो उमड़ घुमड़ कर आयी रे घटा नन्हीं-नन्हीं बूंदानियों की खनन खनन खनन खंजरी बजाती आयी, बजाती आयी, देखो भाई बरखा दुल्हनिया, बरखा दुल्हनिया छुप छुप छुप छुप छैयां आजा डारूँ तोहे गले बईंया आजा डारूँ तोहे गले बईंया, छुप छैयां मैं तो नाचूँ तेरे संग संग सईंया ओ सईंया, ओ सईंया सावन का संदेसा लेकर निकली अपनी घर से जो कोई इसके प्यार को तरसे वहीं नवेली बरसे कारे कारे बादरवा की झनन झनन झनन झांझरी बजाती आयी, बजाती आयी, देखो भाई बरखा दुल्हनिया, बरखा दुल्हनिया उमड़ घुमड़ कर आयी रे घटा… मीठी-मीठी मस्त पवन की तनन तनन तन बंसरी बजाती आयी, बजाती आयी देखो भाई बरखा दुल्हनिया, बरखा दुल्हनिया हरी हरी चुनरी साजे, कलियों का कंगना बाजे कलियों का कंगना बाजे मन बाजे देखो बरखा की अँखियाँ लाजे हो लाजे हो लाजे देख के अपनी बरखा रानी की मीठी मुस्कान रे सावन के दूल्हे की देखो धमक उठी है शान रे गोरी गोरी, गोरी गोरी, बिजुरिया की चमक चमक चन कंकड़ी चमकाती आयी, देखो भाई बरखा दुल्हनिया, बरखा दुल्हनिया उमड़ घुमड़ कर आयी रे घटा… रंग बिरंगी डोली भर के धनन धनन भंडार के लुटाती आयी, लुटाती आयी, देखो भाई बरखा दुल्हनिया, बरखा दुल्हनिया धरती ने गठरी खोली, भर भर अपनी झोली भर भर अपनी झुलियन, होली भैया तुम खेलो खेलो खुशियों की होली ओ होली ओ होली धन ये पवन धन ये बरखा धन धन हमरी धरती सब के जीवन के ये अधूरे सपने पूरे करती देखो देखो देखो देखो घर घर हमरे लहर लहर आनंद की लहराती आयी लहराती आयी, देखो भाई बरखा दुल्हनिया, बरखा दुल्हनिया उमड़ घुमड़ कर आयी रे घटा…

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