बेज़ुबां फिर से हिंदी लिरिक्स – Bezubaan Phir Se Hindi Lyrics (Vishal Dadlani, Anushka Manchanda, Madhav Krishna, ABCD 2)

मूवी या एलबम का नाम : ए.बी.सी.डी 2 (2015) संगीतकार का नाम – सचिन-जिगर हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – मयूर पुरी, विशाल ददलानी गाने के गायक का नाम – विशाल ददलानी, अनुष्का मनचंदा, माधव कृष्णा जान ले कि किस्मत ने बाँटे हैं, राहों में काँटे हैं और मैं भी हूँ ज़िद्दी आऊँ किस्मत के आड़े ना रोके रुकूँ, तू गिरा मैं उठूँ पिंजरे तोड़ कर फैलाऊँगा मैं पर तुझमें जितना है ज़ोर तू लगा ले मगर हँस के कट जाएगा, ना झुकेगा ये सर जान ले कि किस्मत ने बाँटे हैं, राहों में काँटे हैं ना रोके रुकूँ, तू गिरा मैं उठूँ रेगज़ारों में आग है जितनी है लहू खौलता मेरा इन रगों में फिर भी खाकसारों को, खाक ही काफ़ी रास मुझको है खामोशी मेरी बेज़ुबां कब से मैं रहा, बेगुनाह सहता मैं रहा बेज़ुबां कब से मैं रहा, बेगुनाह सहता मैं रहा जान ले कि किस्मत… सौ सवाल हैं, सौ हैं लानतें मेरे तरानों पे, लगी है कालिख लाख सपनों की, राख हाथों में सूनी आँखों में जलती उम्मीद है आखिरी ना मिला मौका, ना मिली माफ़ी कह दो कितनी सज़ा और बाकी बेज़ुबां कब से मैं रहा, बेगुनाह सहता मैं रहा बेज़ुबां कब से मैं रहा, बेगुनाह सहता मैं रहा जान ले कि किस्मत…

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