मूवी या एलबम का नाम : सिंघम (2011) संगीतकार का नाम – अजय-अतुल हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – स्वानन्द किरकिरे गाने के गायक का नाम – सुखविंदर सिंह मन भँवर उठे, तन सिहर उठे जब खबर उठे के आवे, सिंघम ना अगर चले, ना मगर चले बस कहर चले जब आवे, सिंघम बुरों को खींच के, भींच के धूल दमिच के, रैहपट पड़ जाये भलों को खींच के, खींच के बाँहों में भींच के, झप्पी मिल जाये ना किसी से ये कम, बड़ा इसमें है दम, नर सिंह है ये सिंघम मन भँवर उठे… दिल तो साचा है इस दिल में रख लो सपना अच्छा है पलकों से ढक लो दिल-विल से तो है ये इक बच्चा, शरारत करता ही फिरे गर कभी समझे इसको कोई कच्चा, घूँसा ही मिले ताज़ा है हवा का ये झोंका, यहाँ-वहाँ बहता ही फिरे गर कभी इसका रास्ता रोका, तूफाँ सर चढ़े बुरो को खींच के भींच के… ये ना सबका है, रस्ते से कठोर तगड़ा झटका है, दम है तो चख लो अकड़म भी है जोश में चलता, पाँवों में बिजली सी चले नज़रें शोला-शोला दुश्मन तो राख में जा मिले जैसे कोई शेर सेहरा में चलता, सारा जग रौंदता चले यारों बस लड़ने का इसे चस्का, परबत से भिड़े बुरो को खींच के भींच के…
सिंघम हिंदी लिरिक्स – Singham Hindi Lyrics (Sukhwinder Singh, Title Track)
February 17, 2018