Movie/ Album: अल हिलाल (1958) संगीतकार का नाम – बुलो सी रानी हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – शेवान रिज़वी गाने के गायक का नाम – इस्माइल आज़ाद क़व्वाल हमें तो लूट लिया मिल के हुस्नवालों ने काले-काले बालों ने, गोरे-गोरे गालों ने हमें तो लूट लिया… नज़र में शोख़ियाँ और बचपना शरारत में अदाएँ देख के हम फँस गए मुहब्बत में हम अपनी जान पे जाएँगे जिनकी उल्फ़त में यक़ीन है कि न आएँगे वो ही मय्यत में ख़ुदा सवाल करेगा अगर क़यामत में तो हम भी कह देंगे हम लूट गए शराफ़त में हमें तो लूट लिया… वहीं-वहीं पे क़यामत हो वो जिधर जाएँ झुकी-झुकी हुई नज़रों से काम कर जाएँ तड़पता छोड़ दे रस्ते में और गुज़र जाएँ सितम तो ये है कि दिल ले लें और मुकर जाएँ समझ में कुछ नहीं आता कि हम किधर जाएँ यही इरादा है ये कह के हम तो मर जाएँ हमें तो लूट लिया… वफ़ा के नाम पे मारा है बेवफ़ाओं ने के दम भी हमको न लेने दिया जफ़ाओं ने ख़ुदा भूला दिया इन हुस्न के ख़ुदाओं ने मिटा के छोड़ दिया इश्क़ की ख़ताओं ने उड़ाया होश कभी ज़ुल्फ़ की हवाओं ने हया ने, नाज़ ने लूटा, कभी अदाओं ने हमें तो लूट लिया… हज़ारों लुट गए नज़रों के इक इशारे पर हज़ारों बह गए तूफ़ान बन के धारे पर न इन के वादों का कुछ ठीक है न बातों का फ़साना होता है इनका हज़ार रातों का बहुत हसीन है वैसे तो भोलपन इनका भरा हुआ है मगर ज़हर से बदन इनका ये जिसको काट ले पानी वो पी नहीं सकता दवा तो क्या है दुआ से भी जी नहीं सकता इन्हीं के मारे हुए हम भी हैं ज़माने में हैं चार लफ़्ज़ मुहब्बत के इस फ़साने में हमें तो लूट लिया… ज़माना इनको समझता है नेक और मासूम मगर ये कैसे हैं, क्या हैं, किसी को क्या मालूम इन्हें न तीर, न तलवार की ज़रुरत है शिकार करने को काफ़ी निगाह-ए-उल्फ़त है हसीन चाल से दिल पायमाल करते हैं नज़र से करते हैं, बातें कमाल करते हैं हर एक बात में मतलब हज़ार होते हैं ये सीधे-सादे, बड़े होशियार होते हैं ख़ुदा बचाए हसीनों की तेज़ चालों से पड़े किसी का भी पाला, न हुस्नवालों से हमें तो लूट लिया… हुस्न वालों में मुहब्बत की कमी होती है चाहने वालों की तक़दीर बुरी होती है उनकी बातों में बनावट ही बनावट देखी शर्म आँखों में, निगाहों में लगावट देखी आग पहले तो मुहब्बत की लगा देते हैं अपने रुख़सार का दीवाना बना देते हैं दोस्ती कर के फिर अनजान नज़र आते हैं सच तो ये है कि बेईमान नज़र आते हैं मौत से कम नहीं दुनिया में मुहब्बत इनकी ज़िन्दगी होती है बर्बाद बदौलत इनकी दिन बहारों के गुज़रते हैं मगर मर-मर के लुट गए हम तो हसीनों पे भरोसा कर के हमें तो लूट लिया…
हमें तो लूट लिया हिंदी लिरिक्स – Humein To Loot Liya Hindi Lyrics (Ismail Azaad Qawwal, Al Hilaal)
October 22, 2017