घर से निकलते ही हिंदी लिरिक्स – Ghar Se Nikalte Hi Hindi Lyrics (Udit Narayan, Alka Yagnik, Papa Kahte Hain)

मूवी या एलबम का नाम : पापा कहते हैं (1996) संगीतकार का नाम – राजेश रोशन हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – जावेद अख्तर गाने के गायक का नाम – उदित नारायण, अलका याग्निक घर से निकलते ही, कुछ दूर चलते ही रस्ते में है उसका घर कल सुबह देखा तो, बाल बनाती वो खिड़की में आई नज़र मासूम चेहरा, नीची निगाहें भोली सी लड़की, भोली अदायें ना अप्सरा है, ना वो परी है लेकिन यह उसकी जादूगरी है दीवाना कर दे वो, इक रँग भर दे वो शर्मा के देखे जिधर घर से निकलते ही… करता हूँ उसके घर के मैं फेरे हँसने लगे हैं अब दोस्त मेरे सच कह रहा हूँ, उसकी कसम है मैं फिर भी खुश हूँ, बस एक ग़म है जिसे प्यार करता हूँ, मैं जिस पे मरता हूँ उसको नहीं है खबर घर से निकलते ही… लड़की है जैसे, कोई पहेली कल जो मिली मुझको उसकी सहेली मैंने कहा उसको, जा के ये कहना अच्छा नहीं है, यूँ दूर रहना कल शाम निकले वो, घर से टहलने को मिलना जो चाहे अगर घर से निकलते ही…

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