मूवी या एलबम का नाम : पिकू (2015) संगीतकार का नाम – अनुपम रॉय हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – मनोज यादव गाने के गायक का नाम – सुनिधि चौहान सुबह की धूप पे इसी की दस्तखत है इसी की रौशनी उड़ी जो हर तरफ है ये लम्हों के कुँए में रोज़ झाँकती है ये जा के वक़्त से हिसाब माँगती है ये पानी है, ये आग है ये खुद लिखी किताब है प्यार की खुराक सी है, पिकू! सुबह की धूप… पन्ना साँसों का पलटे और लिखे उनपे मन की बात रे लेना इसको क्या किससे इसको तो भाये खुद का साथ रे ओ-ओ-ओ बारिश की बूँद जैसी सर्दी की धुंध जैसी कैसी पहेली इसका हल न मिले कभी ये आसमां उतारती है नीचे कभी ये भागे ऐसे बादलों के पीछे इसे हर दर्द घूँट जाने का नशा है करो जो आये जी में इसका फलसफा है ये पानी है, ये आग है…. मोड़े राहों के चेहरे इसको जाना जिस ओर रे असे सरगम सुनाये खुद इसके सुर हैं इसके राग रे ओ-ओ-ओ रूठे तो मिर्ची जैसी हँस दे तो चीनी जैसी कैसी पहेली इसका हल ना मिले सुबह की धूप…
पिकू हिंदी लिरिक्स – Piku Hindi Lyrics (Sunidhi Chauhan, Piku)
July 17, 2015