दिल में एक जान-ए-तमन्ना हिंदी लिरिक्स – Dil Mein Ek Jaan-e-Tamanna Hindi Lyrics (Md.Rafi, Benazir)

मूवी या एलबम का नाम : बेनजीर (1960) संगीतकार का नाम – एस.डी.बर्मन हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – शकील बदायुनी गाने के गायक का नाम – मो.रफ़ी आज शीशे में बार-बार उन्हें दिल की सूरत दिखाई देती है अपनी सूरत नज़र नहीं आती मेरी सूरत दिखाई देती है दिल में एक जान-ए-तमन्ना ने जगह पाई है आज गुलशन में नहीं घर में बहार आई है आ गया आ गया मेरे तसव्वुर में कोई परदानशीन आज हर चीज़ नज़र आती है मुझको हसीं क्या करूँ मैं बड़ी दिलकश मेरी तन्हाई है आज गुलशन में नहीं … बहकी-बहकी नशा-ए-हुस्न में खोई-खोई जैसे ख़्यालों की रंगीन रुबाई कोई दिल के शीशे में परी बन के उतर आई है आज गुलशन में नहीं … हुस्न के सामने इज़हार-ए-वफ़ा है मुश्किल काश छुप कर ही वो सुन ले मेरा नाला-ए-दिल जिसने प्यार की मंज़िल मुझे दिखलाई है आज गुलशन में नहीं …

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