मूवी या एलबम का नाम : महबूब की मेहँदी (1971)
संगीतकार का नाम –
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – आनंद बक्षी
गाने के गायक का नाम – मो.रफ़ी
ये जो चिलमन है, दुश्मन हैं हमारी
कितनी शर्मीली दुल्हन है हमारी
दूसरा और कोई यहाँ क्यों रहे
हुस्न और इश्क के दरमियाँ क्यों रहे
ये यहाँ क्यों रहे, हाँ जी हाँ क्यों रहे
ये जो आँचल है, शिकवा है हमारा
क्यों छुपाता है, चेहरा ये तुम्हारा
ये जो चिलमन है…
कैसे दीदार आशिक तुम्हारा करे
रूख-ए-रोशन का कैसे नज़ारा करे
ओ इशारा करे, हाँ पुकारा करे
ये जो गेसू है, बादल हैं कसम से
कैसे बिखरे हैं गालों पे सनम के
ये जो चिलमन है…
रुख़ से परदा ज़रा जो सरकने लगा
उफ़ ये कमबख्त दिल क्यों धड़कने लगा
भड़कने लगा, दम अटकने लगा
ये जो धड़कन है, दुश्मन है हमारी
कैसे दिल संभले, उलझन है हमारी
ये जो चिलमन है…