मूवी या एलबम का नाम : फ़गली (2014)
संगीतकार का नाम – प्रशांत वाध्यर
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – अर्शिया नाहिद
गाने के गायक का नाम – अरिजीत सिंह, पावनी पाण्डे
धुआँ धुआँ सी है ज़िंदगी
धुंधला सा है ख्वाब कहीं
खो गयी जाने कहाँ वो खुशी
दिखती नहीं है रोशनी
कैसे दिन थे और कैसी थी वो रातें
जब करते थे हम सपनों से ही बातें
गुम हो गयी है वो हँसी..
ना किनारा, ना सहारा
जाने कहाँ मैं जा रहा
चलते चलते राह पर क्यूं
रुक सी गयी है ज़िन्दगी
धुआँ धुआँ सी…
यारी का ऐसा असर था
ना कोई फिकर, ना डर था
ज़िंदादिली से जीते थे हम
अब वक़्त हमसे खफा है
जीने की अब ना वजह है
ये कैसा तूफान आ गया
छुप छुप के रोने मैं लगा
धुआँ धुआँ सी…