मूवी या एलबम का नाम : तीन देवियाँ (1965)
संगीतकार का नाम – एस.डी.बर्मन
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – मजरूह सुल्तानपुरी
गाने के गायक का नाम – लता मंगेशकर, किशोर कुमार
उफ़ कितनी ठण्डी है ये रुत
सुलग़े है तनहाई मेरी
सन सन सन जलता है बदन
काँपे है अंगड़ाई मेरी
तुमपे भी सोना है भारी
वो है कौन ऐसी चिंगारी
है कोई इन आँखों में
एक तुम जैसी ख़्वाबों की परी
उफ़ कितनी ठण्डी है ये रुत…
ये तन्हाँ मौसम मेहताबी
ये जलती-बुझती बेख़ाबी
महलों में थर्राती हैएक बेताबी अरमाँ में भरी
उफ़ कितनी ठण्डी है ये रुत…
ऐसे हैं दिल पे कुछ साये
धड़कन भी जल के जम जाये
काँपो तुम और सुलग़ें हमये चाहत की है जादूगरी
उफ़ कितनी ठण्डी है ये रुत…