मूवी या एलबम का नाम : हम सब उस्ताद हैं (1965)
संगीतकार का नाम – लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – असद भोपाली
गाने के गायक का नाम – किशोर कुमार, लता मंगेशकर
अजनबी, तुम जाने पहचाने से लगते हो
ये बड़ी अजीब सी बात है
के नयी नयी मुलाकात है
फिर भी जाने क्यों
अजनबी तुम जाने पहचाने…
किशोर कुमार
तुमने कभी प्यार किया था किसी राही से
तुमने कभी वादा किया था, किसी साथी से
ना वो प्यार रहा, ना वो बात रही
फिर भी जाने क्यों
अजनबी तुम जाने पहचाने…
दिल में रहे और हमारा दिल तोड़ दिया
साथ चले, मोड़ पे आ के हमें छोड़ दिया
तुम हो कहीं और हम कहीं
फिर भी जाने क्यों
अजनबी तुम जाने पहचाने…
लता मंगेशकर
लगता है यूँ ख्वाब है जैसे कोई देखा हुआ
कहता है दिल आज मिला है कोई खोया हुआ
न ख्याल तुम्हें, न ख्याल हमें
फिर भी जाने क्यों
अजनबी तुम जाने पहचाने…
किसको खबर पहले मिले थे हम दोनों कहाँ
कबसे मगर ढून्ढ रहा था मगर मेरा जहां
ना तो याद तुम्हें, ना तो याद हमें
फिर भी जाने क्यों
अजनबी तुम जाने पहचाने…
कितने जनम बीत गए हैं तुम्हें पाने में
हमने तुम्हें प्यार किया है अनजाने में
ना कभी मिले, ना करीब हुए
फिर भी जाने क्यों
अजनबी तुम जाने पहचाने…