मूवी या एलबम का नाम : सफ़र (1970)
संगीतकार का नाम – कल्याणजी-आनंदजी
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – इन्दीवर
गाने के गायक का नाम – किशोर कुमार
ज़िन्दगी का सफ़र, है ये कैसा सफ़र
कोई समझा नहीं, कोई जाना नहीं
है ये कैसी डगर, चलते हैं सब मगर
कोई समझा नहीं, कोई जाना नहीं
ज़िन्दगी का सफ़र…
ज़िन्दगी को बहुत प्यार हमने दिया
मौत से भी मोहब्बत निभायेंगे हम
रोते-रोते ज़माने में आये मगर
हँसते-हँसते ज़माने से जायेंगे हम
जायेंगे पर किधर, है किसे ये खबर
कोई समझा नहीं…
ऐसे जीवन भी हैं, जो जीए ही नहीं
जिनको जीने से पहले ही मौत आ गयी
फूल ऐसे भी हैं, जो खिले ही नहीं
जिनको खिलने से पहले खिजाँ खा गयी
है परेशां नज़र, थक गए चार अगर
कोई समझा नहीं…