मूवी या एलबम का नाम : दिल्ली का ठग (1958)
संगीतकार का नाम – रवि
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – मजरूह सुल्तानपुरी
गाने के गायक का नाम – आशा भोंसले, किशोर कुमार
ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा
कहा दो दिलों ने, कि मिलकर कभी हम, ना होंगे जुदा
ये क्या बात है, आज की चाँदनी में
के हम खो गये, प्यार की रागनी में
ये बाहों में बाहें, ये बहकी निगाहें
लो आने लगा ज़िन्दगी का मज़ा
ये रातें, ये मौसम…
सितारों की महफ़िल ने करके इशारा
कहा अब तो सारा जहां है तुम्हारा
मोहब्बत जवां हो, खुला आसमां हो
करे कोई दिल आरजू और क्या
ये रातें, ये मौसम…
कसम है तुम्हें, तुम अगर मुझ से रूठे
रहे सांस जब तक ये बंधन ना टूटे
तुम्हें दिल दिया है, ये वादा किया है
सनम मैं तुम्हारी रहूंगी सदा
ये रातें, ये मौसम…