मूवी या एलबम का नाम : उजाला (1959)
संगीतकार का नाम – शंकर-जयकिशन
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – शैलेन्द्र
गाने के गायक का नाम – मन्ना डे
सूरज ज़रा आ पास आ, आज सपनों की रोटी पकायेंगे हम
ऐ आसमां तू बड़ा मेहरबां, आज तुझको भी दावत खिलायेंगे हम
सूरज ज़रा पास आ
चूल्हा है ठंडा बड़ा और पेट में आग है
गरमा-गरम रोटीयाँ, कितना हसीं ख्वाब है
सूरज ज़रा आ पास आ…
आलू टमाटर का साग, इमली की चटनी बने
रोटी करारी सिके, घी उसपे असली लगे
सूरज ज़रा आ पास आ…
बैठे कहीं छाँव में, आ आज पिकनिक सही
ऐसी ही दिन की सदा, हमको तमन्ना रही
सूरज ज़रा आ पास आ…