मूवी या एलबम का नाम : कल आज और कल (1971)
संगीतकार का नाम –
शंकर जयकिशन
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – शैलेन्द्र
गाने के गायक का नाम – किशोर कुमार, आशा भोंसले
हम जब होंगे साठ साल के और तुम होगी पचपन की
बोलो प्रीत निभाओगी ना, तब भी अपने बचपन की
तुम जब होगे साठ साल के, और मैं हूंगी पचपन की
प्रीत की ज्योत जलाऊंगी मैं, तब भी अपने बचपन की
हाँ, बाहों का सहारा हो जब, लकड़ी क्यूं हम टेकेंगे
आँख भले धुंधली हो जाये, दिल की नज़र से देखेंगे
आँखों में तुम यूँ ही देखना, क्या है ज़रूरत दरपन की
बोलो प्रीत निभाओगी ना…
रूप की ये मस्तानी धूप, इक दिन तो ढल जायेगीऔर क़िस्मत भी चेहरे पे, समय का रंग मल जायेगी
तुम तब कहीं बदल ना जाना, क़सम तुम्हें इस धड़कन की
बोलो प्रीत निभाओगे ना…
हाँ, ठंडी में तुम स्वेटर बुनना, हम लकड़ी चुन लाएंगे
बच्चों के संग बच्चे बन कर, हम दोनों तुतलाएंगे
मिलजुल कर हम साथ रहेंगे, बात न होगी अनबन की
बोलो प्रीत निभाओगी ना…