मूवी या एलबम का नाम : हँसी तो फँसी (2014)
संगीतकार का नाम –
विशाल-शेखर
हिन्दी लिरिक के लिरिसिस्ट – अमिताभ भट्टाचार्य
गाने के गायक का नाम – चिन्मयी श्रीपद, शेखर रव्जियानी
ज़हनसीब, ज़हनसीब
तुझे चाहूँ बेतहाशा ज़हनसीब
मेरे क़रीब, मेरे हबीब
तुझे चाहूँ बेतहाशा ज़हनसीब
तेरे संग बीते हर लम्हें पे हमको नाज़ है
तेरे संग जो न बीते उसपे ऐतराज़ है
इस क़दर हम दोनों का मिलना एक राज़ है
हुआ अमीर, दिल ग़रीब
तुझे चाहूँ बेतहाशा ज़हनसीब…
लेना-देना नहीं दुनिया से मेरा बस तुझसे काम है
तेरी अँखियों के शहर में यारा सब इंतज़ाम है
ख़ुशियों का एक टुकड़ा मिले, या मिले ग़म की खुरचने
यारा तेरे-मेरे खर्चे में दोनों का ही एक दाम है
होना लिखा था यूँ ही जो हुआ
या होते-होते अभी अनजाने में हो गया
जो भी हुआ, हुआ अजीब
तुझे चाहूँ बेतहाशा ज़हनसीब…