नजर के सामने रहना गुरुवर अच्छा लगता है
तुम्हारे प्यारे में जीना गुरुवर अच्छा लगता है
तुम्हारे सामने रहना गुरुवर अच्छा लगता है
तुम्हारा ही मधुर रिश्ता गुरुवर सच्चा लगता है
पतित पावन अति निर्मल गुरुवर तेरी वाणी है
तेरी वाणी के अमृत से हो जाता धन्य प्राणी है
तुम्हारे वचनामृत सुनना गुरुवर अच्छा लगता है
अति सुन्दर तेरी मूरत गुरुवर सबको भाती है
नयन से नीर बरसता है याद जब तेरी आती है
तुम्हारे ध्यान में रहना गुरुवर अच्छा लगता है
तेरे सत्संग में आकर ही सच्ची शांति मिलती है
तेरे सतज्ञान में टिककर ही सबकी भ्रांती मिटती है
तुम्हारे सत्संग में आना गुरुवर अच्छा लगता है
तेज है सूरज सा तेरा छवि सबसे प्यारी है
तुमने तो हर मुश्किल हमारी क्षण में निवारी है
(तुमने ही सदा रखी गुरुवर लाज हमारी है)
तुम्हारे दर्शन को पाना गुरुवर अच्छा लगता है
कभी टूटे ना छूटे ना (सदा) तेरा मेरा साथ रहे
मैं सेवक बनुं (रहूँ) तेरा, सदा तू मेरा नाथ रहे
तुम्हारी याद में रहना गुरुवर अच्छा लगता है
तेरी कृपा से ही रोशन प्रभु ये जिन्दगानी है
तेरी नूरानी सूरत की सारी दुनिया दिवानी है
तुम्हारे दर पर आना गुरुवर अच्छा लगता है