वीर बनो गंभीर बनो भजन हिन्दी मे लिरिक्स के साथ

वीर बनो गंभीर बनो, नौजवानों धीर बनो

देश को जो लूटते है, देश को जो नोचते है

ऐसो के लिए तुम तीर बनो …..

विदेशियों के हाथों लुट रही है सम्पदा

धर्म के नाम पे लूट मची है

धर्मान्तरण की आफत से देश को बचाना है,

अधर्म से टकराना है

ऐसो के लिए महावीर बनो

मनोरंजन के नाम पर फ़ैल रही अश्‍लीलता

लाज शर्म मर्यादा और मिट रही शालीनता

दिव्य भाव भरना है, दिव्य कर्म करना है

संतो-सी तुम तस्वीर बनो

संतजनों और मातपिता की सेवा में तो ध्यान नहीं

धीरे धीरे हो रहा पतन, इसका हमको भान नहीं

हरि नाम जपना है देर नहीं करना है

गंगा सा पावन नीर बनो

कितनी भी ऑंधी चले, कितनी भी बिजली गिरे

नहीं डरेंगे हम सभी आगे ही बढ़ते चले

संस्कारी बनना है युवा धन बढ़ाना है

संयम की तुम खान बनो

सयम से देश की शान बनो

एक दिन ऐसा आएगा भारत विश्‍वगुरु कहलाएगा

संतो की वाणी और संकल्प एक दिन रंग दिखलाएगा

विश्वगुरु बनाना है देश को चमकाना है

ऐसे तुम शूरवीर बनो

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