“सुखकासाथीजगतसब, दुखकानाहीकोय।दुःखकासाथीसाइयां, ‘दादू‘ सदगुरुहोय॥“जोशरणगुरुकीआया, इहलोकसुखीपरलोकसुखी।जिसनेगुरुज्ञानपचाया, इहलोकसुखीपरलोकसुखी॥हरिॐ, हरिॐ, हरिॐ, हरिॐरामायणमेंशिवजीकहते, भागवतमेंशुकदेवजीकहते।गुरुवाणीमेंनानककहते, जपोसंतसंगराम॥इहलोकसुखीपरलोकसुखी …………चिंताऔरभयमिटजाए, दुर्गुणदोषसभीछुटजाएँ।चमकेभाग्यसितारा, इहलोकसुखीपरलोकसुखी॥इहलोकसुखीपरलोकसुखी …………साँसोंमेंहोनामकासुमिरन, मनमेंहोगुरुदेवकाचिंतन।जिसनेयेअपनाया, इहलोकसुखीपरलोकसुखी॥इहलोकसुखीपरलोकसुखी …………ब्रह्मज्ञानीसाकारब्रह्महैं, इनकानाकोईबंधनहै।सबकोकरेमहान, इहलोकसुखीपरलोकसुखी॥इहलोकसुखीपरलोकसुखी …………कृपातुम्हारीपाजायेंगे, जोसत्संगमेंआजायेंगे।होजाएभवजलपार, इहलोकसुखीपरलोकसुखी॥इहलोकसुखीपरलोकसुखी …………जोसंतोकीनिंदाकरते, अपनाहीवोवंशमिटाते।जोसंतशरणमेंआते, इहलोकसुखीपरलोकसुखी॥इहलोकसुखीपरलोकसुखी …………
जो शरण गुरु की आया, इह लोक सुखी परलोक सुखी भजन हिन्दी मे लिरिक्स के साथ
December 30, 2011