तेरादर्शनमैंकरूँगुरूजीबारम्बार।तेरासुमिरनमैंकरूँगुरूजीबारम्बार।दूरनाजाऊँतुमसेगुरुवर, विनतीहैहरबार॥तुमहीधरतीतुमहीगगनहोतुमहीचाँदसितारेहो।कण–कणमेंप्रभुतुमहीबसेहो, केवलतुमहीहमारेहो।तुमनाकभीभीरूठोहमसे, विनतीहैहरबार॥तेरादर्शन…………. जड़चेतनमेंसत्तातेरी, तुमहीपालनहारेहो।अद्भुततेरीभक्तिशक्तितुमहीतारनहारेहो।डूबेरहेंहमयादमेंतेरी, विनतीहैहरबार॥तेरादर्शन…………. अधरामृततुमहोपिलाते, सुखअपारहो।प्रीतिभावसेजोभजताहै, करदेतेउद्धारहो।साथतुम्हाराकभीनाछूटे, नाछूटेघरबार॥तेरादर्शन…………. तुमकरुनाकागहरासागर, तुमहीपोषणकर्ताहो।तुमभरतेहोसबकीगागर, तुमहीतोदुःखहर्ताहो।प्रीतकाबंधनजुड़ारहेये, नाछूटेघरबार॥तेरादर्शन…………. हरधड़कनमेंतुमहीसमाये, तुमभक्तोंकेप्राणहो।नज़रोंसेनिहालहोकरते, तुमकरतेकल्याणहो।करतेरहेंहमसेवातेरी, विनतीहैहरबार॥तेरादर्शन…………. गुणातीततुमदेहातीतहो, तुम्हीपुरुषअकालहो।नामखज़ानादेकरसबको, करतेमालामालहो।प्रेमआपकापातेरहेंहम।प्यारआपकापातेरहेंहम, विनतीहैहरबार॥तेरादर्शन…………. अक्षयपात्रहोज्ञानकेगुरुवर, तुमहीज्योतिस्वरुपहो।शांतिप्रेमभंडारतुम्हीहो, तुमहीब्रह्माकारूपहो।टिकेरहेंहमज्ञानमेंतेरे, विनतीहैहरबार॥तेरादर्शन………….
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