गुरुद्वारमेरामंदिरहैमेरा, गुरुदेवमेरेभगवान।शरणनगुरुकीसार॥जोभीआयायहाँसबपायायहाँ, गुरुदेवहैंकरुणानिधान। शरननगुरुकीसार॥ गुरुबिनतोयेजीवनसूनाहै, लगेथोड़ाभीदुःखहमेंदूनाहै।नासहारामिलेनाकिनारामिले, चाहेकितनाभीहोविद्वान्॥ शरणन…………… गुरुसत्यमेंहमेंटिकातेहैं, गुरुसत्यकाभेदबतातेहैं।नायेकायाटिके, नायेमायाटिके, कामआतानहींअभिमान॥शरणन ……………. हरयुगमेंगुरुहीजरुरीहैं, इनकेबिनदुनियाअधूरीहै।महादेवहैंजोगुरुदेवभीवो, कहनातूगुरुकामान॥शरणन ……………. गुरुभक्तिसमकोईराहनहीं, रहतीफिरकोईभीचाहनहीं। नाहैशब्दयहाँहमस्तब्धयहाँ, गुरुमहिमाकाक्याव्याख्यान॥शरणन ……………. बसएकदुआहैयेरबसे, नातायेबनारहेगुरुवरसे।गलियांजगकीदुनियासबकी, गुरुदेवबिनासुनसान॥शरणन ……………. हरकणमेंनूरइन्हीकाहै, कभीआदिनाअंतप्रभुकाहै।धरतीभीयही, अम्बरभीयही, गुरुदेवमेंहीब्रह्माण्ड॥शरणन ……………. हरेरामाहरेरामा, रामारामाहरेहरे।हरेकृष्णाहरेकृष्णा, कृष्णाकृष्णाहरेहरे।
शरणन गुरु की सार भजन हिन्दी मे लिरिक्स के साथ
December 22, 2011