आकरगुरुकेद्वारमैं गुरुकाहोगया।दर्शनकरगुरुदेवके, दीवानाहोगया॥सबसेयेहितकारीहैं, आशुतोषत्रिपुरारीहैं।सबकेमंगलकारीहैं, पापपुंजभयहारीहैं।पाकरइनकोजीवनये, सुहानाहोगया।दर्शनकरगुरुदेवके…………………… ध्यानजोइनकाधरतेहैं, भवसेवोहीतरतेहैं।सबकाहितयेकरतेहैं, मूढ़तापलमेंहरतेहैं।कृपासेइनकीदुःखसारा, रवानाहोगया।दर्शनकरगुरुदेवके…………………… गुरुवरसबसेप्यारेहैं, सारेजगसेन्यारेहैं।सबकीआँखोंकेतारेहैं, हमसबकेरखवारेहैं।इनकोपाकरकष्टोंसे, अनजानाहोगया।दर्शनकरगुरुदेवके…………………… इनकोजबसेपायाहै, मिलीप्रेमकीछायाहै।मिटगयीलौकिकमायाहै, मनकोसुकूनआयाहै।मेरेसपनोंमेंइनका, अबआनाहोगया।दर्शनकरगुरुदेवके…………………… दुर्गुणदोषभगातेहैं, आतमबोधबढ़ातेहैं।शाश्वतरंगलगातेहैं, मोहनिशासेजगातेहैं।झूठेजगकेरिश्तोंसे, बेगानाहोगया।दर्शनकरगुरुदेवके……………………
शांति पुंज भंडार हैं, देते प्रेम अपार हैं -2-
करते भव से पार हैं, जीवन का ये सार हैं -2-
जीवन – – –
इनका नजारा देख के नजराना हो गया -2-
पाकर इनको जीवन ये सुहाना हो गया -2-
आकर गुरु के द्वार मैं गुरु का हो गया -2-
दर्शन कर – – –
गुरुवर सबसे प्यारे हैं, सारे जग से न्यारे हैं -2-
सबकी आँखों के तारे हैं, हम सब के रखवारे हैं -2-
हम सब – – –
झूठे जग के रिश्तों से बेगाना हो गया
दर्शन कर – – –
ज्ञान का गहरा सागर हैं, भरते सबकी गागर हैं
गुरु ही नटवर नागर हैं, करते भेद उजागर हैं
करते – – –
इनका नजारा देख के नजराना हो गया
दर्शन कर – –