गुरुदरसकरूँहरदममुझेआसयेरहतीहै।नहींदरसकरूँजबतकबेचैनीसीरहतीहै।हरपलगुरुकेदरसकाइंतज़ाररहताहै॥जलबिनजैसेमछलीकभीजीनहींसकतीहै।गुरुवरहमकोपानीऐसीहीभक्तिहै।हरपलतुम्हींकोपानेकाइंतज़ाररहताहै।।येतनहैमाटीकामाटीमेंमिलजाए।धनभागीवहीहोतागुरुसेवाजोकरपाए।हरपलस्वयंकेकर्मकाफलसाथरहताहै॥गुरुकीअनुकम्पासेहमेंदीक्षामिलतीहै।जीवनकोजीयेंकैसेयेशिक्षामिलतीहै।हरपलप्रभुकेनामकासुमिरनभीरहताहै॥जबपायानातुमकोभटकेथेभूलेथे।शाश्वतकीखबरनाथीनश्वरमेंफूलेथे।हरपलजोतुमसेसुनावोअबयादरहताहै॥येजनममिलादुर्लभइसेव्यर्थनाकरनाहै।हमेंप्रेमाभक्तिसेइसदिलकोभरनाहै।हरपलजोबीतरहावोफिरनापासरहताहै॥गुरुवरकीछविमोहकचितवनकोमहकाए।येतोज्ञानकासूरजहैअज्ञाननाटिकपाए।हरजीवइन्हीकेअहसानकाकर्ज़दाररहताहै||
गुरु दरस करूँ हरदम भजन हिन्दी मे लिरिक्स के साथ
December 22, 2011